महातम पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ माहात्म्य] दे॰ 'माहात्म्य' । उ॰— (क)करि प्रणाम देखत बन बागा । कहत महातम अति अनुरागा ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख)सब सुखनिधि हरि नाम महातम पायो है नाहिंन पहिचानत ।—सूर (शब्द॰) ।