महात्म्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

महात्म्य संज्ञा पुं॰ [सं॰ महात्म्य] दे॰ 'माहात्म्य' । उ॰—तथापि गीता ने ज्ञान का महात्म्य माना है क्योंकि ज्ञानी परमेश्वर की समझता है ।—हिंदु॰ सभ्यता, पृ॰ १८७ ।