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महोरग

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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महोरग संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. बड़ा साँप ।

२. तगर का पेड़ ।

३. जैनियों के एक प्रकार के देवताओं का नाम । विशेष—यह व्यंतर नामक देवगण के अंतर्गत हैं ।