महोवा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

महोवा संज्ञा पुं॰ [देश॰] बुंदेलखंड का एक प्राचीन नगर । उ॰— चहुआन महोबै जुद्ध हुअ ग्रेहाँ उठाइयाँ ।—पृ॰ रा॰, ६१ ।१००७ । विशेष—यह हमीरपुर जिले में है और इस नाम की तहसील और परगने का प्रधान नगर है । यहाँ बहुत काल तक चंदेल राजाओं की प्रधान राजधानी थी और इस वंश के मूल पुरुष चंद्रवर्मा की छतरी का चिह्न अब तक रामकुंड के किनारे मिलता है । यहाँ प्राचीन दुर्ग अब तक वर्तमान है । पृथ्वीराज के समय में यहाँ परमाल नामक चंदेल राजा था जिनके यहाँ आल्हा और उदयन या ऊदल नामक दो प्रसिद्ध वीर योद्धा थे । कवि जगनिक के परमाल रासो में चंदेल राजाओं के वंश का और पृथ्वीराज से परमाल के युद्ध का विस्तृत वर्णन है । लोकप्रचलित आल्ह- खंड में भी परमाल के सामंत आल्हा ऊदल की युद्धगाथा का वर्णन है । यहाँ का पान बहुत अच्छा होता है ।