माँग

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

माँग ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ माँगना]

१. माँगने की क्रिया या भाव ।

२. बिक्री या खपत आदि के कारण किसी पदार्थ के लिये होनेवाली आवश्यकता या चाह । जैसे,—आजकल बाजार में देशी कपड़ों की माँग बढ़ रही है ।

माँग ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मार्ग, प्रा॰ मग्ग]

१. सिर के बालों के बीच की वह रेखा जो बालो को दो ओर विभक्त करके बनाई जाती है । सीमंत । विशेष—हिंदू सौभाग्यवती स्त्रियाँ माँग में सिंदूर लगाती हैं और इसे सौभाग्य का चिह्न समझती हैं । यौ॰—माँग उजड़ना = विधवा होना । माँग चोटी = स्त्रियों का केशविन्यास । माँगजली = विधवा । राँड़ ।