माँजना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]माँजना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ मञ्जन या मार्जन]
१. जोर से मलकर साफ करना । किसी वस्तु से रगड़कर मैल छुड़ाना । जैसे,बरतन माँजना । उ॰—माँजत माँजत हार गया है, धागा नहीं निक- लता है ।—कबीर श॰, भा॰ पृ॰ ८१ ।
२. थपुवे के तवे पर पानी देकर उसे ठीक करने के लिये उसके किनारे झुकाना (कुम्हार) ।
३. सरेस को पानी में पकाकर उससे तानों के सूत रँगना ।
४. सरेस और शीशे की बुकनी आदि लगाकर पतंग की नख के डोर को द्दढ़ करना । माँजा देना ।
माँजना ^२ क्रि॰ अ॰
१. अभ्यास करना । मश्क करना । जैसे, हाथ माँजना ।
२. किसी गीत या छंद को वार वार आवृत्ति करके पक्का करना ।