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माँड़ना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

माँड़ना पु † क्रि॰ स॰ [सं॰ मण्डन] मर्दन करना । मलना । मसलना । मींजना । सानना । गूँधना । जैसे, आटा माँड़ना । उ॰ - तब पीसै जब पहिले धोए । कापरछान माँड़ भल होए ।—जायसी (शब्द॰) ।

२. लगाना । पोतला । लेपन करना । जैसे, मुँह में केसर या गुलाब माँड़ना । उ॰—वे द मंत्र पढ़ि साधि करम विधि यज्ञ करते जेहि लागी जू । ताका मुख माँडत केशरि सों व्रज युवती रसपागी जू ।— भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ३७८ ।

३. रचना । बनाना । सजाना । †

४. लगाना । मारना । जमाना । जैसे, आसन माँड़ना । उ॰— स्वामी जी वसत भवना जागन बैठे आसण माँड़ वाली ।— रामानंद॰, पृ॰ १४ ।

५. किसी अन्न की बाल में से दाने झाड़ना । उ॰— साँचो सो लिखावार कहावै ।... माँड़ि माँड़ि खरिहान क्रोध को फोता भजन भरावैं ।—सूर (शब्द॰) ।

६. मचाना । ठानना । जैसे, युद्ध माँड़ना । और मंत्र कुछ उर जनि आनो आजु सुकपि रन माँडहि । — सूर (शब्द॰) ।

६. धरना । लगाना । करना । उ॰— साप काचली छाँडे बीस हो न छाँडे उद्रक में वक ध्यान माँडे ।— दक्खिनी॰, पृ॰ ३५ ।

७. लेना । उठाना । उ॰— जनम जनम अनते नहिं जाँचों फिर नहिं माँड़ो झोली जू ।— नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३३७ ।

९. स्थिर करना । स्थिरतापूर्वक रखना । उ॰— कायर सेरी ताकवै सूरा माँड़ै पाँव ।—कवीर सा॰ सं॰, भा॰ १, पृ॰ २९ ।