मांडलिक
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मांडलिक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ माण्डलिक]
१. वह जो किसी मंडल या प्रांत की रक्षा अथवा शासन करता हो ।
२. शासनकार्य ।
३. वह छोटा राजा जो किसी सार्वभौंम या चक्रवर्ती राजा के अधीन हो और उसे कर देता हो । उ॰—क्या कोई मांडलिक हुआ सहसा । विद्रोह ।—साकेत, पृ॰ ४१२ । विशेष—शुक्र नीति के अनुसार मांडलिक नरेश वे कहे जाते है जिनके राज्य की वार्षिक आय ४ लाख से १० लाख तक होती है ।
मांडलिक ^२ वि॰ [वि॰ स्त्री॰ मांडलिकी] मंडल संबंधी । मंडल के शासन से संबद्ध [को॰] । यौ॰—मांडलिक नृपति = मंडल का वह राजा जो किसी बड़े राजा के अधीन हो । सामांत । उ॰—इससे स्पष्ट है कि परमारवंश का प्रतिष्ठापक उपेंद्र या कृष्णराज, आरंभ में प्रतीहारों या राष्ट्रकूटों का मांडलिक नृपति (सामंत) रहा होगा ।—आदि॰, पृ॰ ५३३ ।