माची

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

माची † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मञ्च]

१. हल जोतने का जुआ । वह जुआ जो हल जोतते समय बैलों के कंधे पर रखा जाता है । बैलगाड़ी में वह स्थान जाहँ गाड़ीवान बैठता और अपना सामान रखात है ।

३. बैठने की वह पीढ़ी जो खाट की तरह बुनी हुई होती है ।