माट

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

माट ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मटका]

१. मिट्टी का बना हुआ एक प्रकार का बड़ा बरतन जिसमें रँगरेज लोग रंग बनाते हैं । इसे 'मठोर' भी कहते हैं ।

२. माठ । मिट्टी का वहुत बड़ा बर्तन, जिसमें किसान लोग अन्न भरते है । मुहा॰—माट बिगड़ जाना= किसी के स्वभाव का ऐसा बिगड़ जाना कि उसका सुधार असंभव हो ।

२. बड़ी मटकी जिसमें दही रखा जाता है । उ॰— (क) सिर दहि माखन के माट गावत गीत नए । कर माँझ मृदंग बजाइ स/?/ नँद भवन गए ।— सूर (शब्द॰) । (ख) एक भूमि ते भाजन बहु विधि कुंडा करवा हडिया माट ।— सुंदर ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ७३ ।

माट ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार की बनस्पति जिसका व्यवहार तरकारी के रूप में होता है ।