माण्डव्य
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
मांडव्य संज्ञा पुं॰ [सं॰ माण्डव्य]
१. एक प्राचीन ऋषि । उ॰— विदुर सु धर्मराइ अवतार । ज्यों भयो कहौं सुनो चितधार । मांडव्य ऋषि जब शूली दयो । तब सो काठ हरयो ह्लै गयो ।—सूर (शब्द॰) । विशेष—बाल्यावस्था के किए हुए पाप के अपराध के कारण यमराज ने इनको शूली पर चढ़वा दिया था । इसपर ऋषि ने यमराज को शाप दिया कि तुम शूद्र हो जाओ, जिससे यमराज दासी के गर्भ से पंडु के यहाँ उत्पन्न हुए थे ।
२. एक प्राचीन जाति का नाम ।
३. एक प्राचीन नगर का नाम ।