माधव
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]माधव ^१ वि॰ [सं॰]
१. मधु जैसा । शहद के समान । मीठा ।
२. मधुनिर्मित ।
३. वसंत ऋतु संबंधी । बसंती [को॰] ।
माधव ^१ संज्ञा पुं॰
१. विष्णु भगवान् । नारायण ।
२. श्रीकृष्ण ।
३. वैशाख मास । उ॰— किसी गमन जनु दिननाथ उत्तर संग मधु माधव लिए ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ४८ ।
४. वसंत ऋतु ।
५. एक वृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में आठ जगण होते है । इसी का दूसरा नाम 'मुक्तहरा' है ।
३. एक राग जो भैरव राग के आठ पुत्रों में से एक माना जाता है ।
७. एक प्रकार का संकर राग जो मल्लार, विलावल और न ट नारायण को मिलाकर बनाय गया है ।
८. मधूक वृक्ष । महुआ ।
९. काला उर्द ।
१०. इंद्र (को॰) ।
११. परशुराम (को॰)
१२. यादव गण (को॰) ।
१३. सायणाचार्य के भाई का नाम । विशेष— ये १५वीं शती में थे । ऋग्वेद की टीका इन्होंने और सायण ने संयुक्त रूप में की थी । स्मृति के व्याख्याताओं में इनका स्थान प्रमुख है । इनके पिता का नाम मायण था । यौ॰—माधवद्रुम=मधूक । माधवन्दिन=आयुर्वेद का निदान- विपयक प्रसिद्ध ग्रंथ । माधववल्ली=माधवी । माधवश्री ।