मापना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मापना ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] दे॰ 'मापन' [को॰] ।

मापना ^२ क्रि॰ सं॰ [सं॰ मापन]

१. कसी पदार्थ के विस्तार, आयत वा वर्गत्व और घनाव का किसी नियत मान से परिमाण करना । नापना । जैसे,— अंगुल के मान के किसी पटरी की लंबाई और चौड़ाई का मान निकालना कि इसकी लंबाई इतने अंगुल वा चौड़ाई इतने अंगुल है । किसी कोठरी के वर्गत्व का मान करना कि वह इतने वर्ग गज की है । उ॰— (क) कहि धी शुक्र कहा धौं कोजै आपुन भए भिखारा । जै जैकार भयो भुव मापत तीन पैंड भइ सारो ।— सूर (शब्द॰) । (ख) वावन को पद लोकन मापि ज्यों बावन के वपु माँह सिवायी ।— केशव (शब्द॰) । (ग) हँमन लगों सहचरि सवै देखाहिं नयन दुराइ । मानों मापति लोयननि कर परसनि फैलाइ ।— गुमान (शब्द॰) ।

२. किसी मान वा पैमाने में भरकर द्रव वा चूर्ण वा अन्नादि पदार्थ का नापना । जैसे, दूध मापना, चूना मापना ।

३. पदार्थ के परिमाण को जानने के लिय कोई क्रिया करना । नापना ।

मापना ^३ क्रि॰ अ॰ [सं॰ मत्त] मतवाला होना । उ॰— नयन सजल तन थर थर काँपी । माँजहि खइ मीन जनु मापी ।— तुलसी (शब्द॰) ।