मारण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मारण संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मार ड़ालना । प्राण लेना । हत्या करना ।

२. एक कल्पित तांत्रिक प्रयोग जिसके विषय में यह प्रसिद्ध है कि जिस मनुष्य के मारने के लिये यह प्रयोग किया जाता है, वह मर जाता है । उ॰— (क) मारण मोहन बसिकरण उच्चाटन अर अँभ । आकर्षण बहु भाँति के पढ़ै सदा करि दंभ ।—रधुनाथदास (शब्द॰) । (ख) सीखौ सबै मिलि धातु कर्मनि द्रव्य बाढत जाइ । आकर्षणादि उचाट मारण वशीकरण उपाइ ।— केशव (शब्द॰) ।