मारा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मारा पु वि॰ [हि॰ मारना] जो मार ड़ाल गया हो । मारा हुआ । निहत ।उ॰— परेसंतु मोह एक पखवारा । नहिं आवहुँ ता जोनेसु मारा । —तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰— मारा फिरना, मारा मारा फरना=व्यर्थ घुमना फिरना । बुरी दशा में इधर उधर घुमना । उ॰— टुक हिसे हवा की छोड़ मियाँ मत देश विदेश फिरे मारा ।— नजार (शब्द॰) ।

मारा पु † ^२ वि॰ [सं॰ मम] [वि॰ स्त्री॰ मोरी] दे॰ 'मेरा' । उ॰—हमे हसि हेरला थोरा रे । सफल भेल सखि कौतुक मोरा रे ।—विद्यापति, पृ॰ १८२ । यौ॰—मोरे लेखे =मेरे हिसाब से । मेरे विचार से । मेरे अनुमान से । उ॰—एकहि मंदिर बसि पिया न पुछए हसि, मारे लेखे समुद्रक पार ।—विद्यापति, पृ॰ ११८ ।