मार्जन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मार्जन संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. साफ करने का भाव । निर्मल करना । स्वच्छ करना ।

२. मंत्रो द्वारा शरीर पर जल छिड़कना जो कुश द्वारा किया जाता है । उ॰— फिर इस जल से मै मार्जन करुँगा । —भारतेंदु॰, ग्रं, भा॰ १, पृ॰ २७१ ।

२. सफाई ।

३. लोध का वृक्ष ।

४. लोध । श्वेत और रक्त लोघ्र ।

५. आतुरीं के लिये विहित एक प्रकार का स्नान जिसमें शिर नहीं भिगाते थे अथवा गीले वस्त्र से शरीर पोछते थे (को॰) ।

७. नहाना । स्नान करना ।