मालिनी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मालिनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मालिन+ई (प्रत्य॰)]
१. मालिन ।
२. चंपा नगरी का एक नाम ।
३. स्कंद की सात माताओं में से (जिन्हें मातृकाएँ कहते हैं) एक माता का नाम ।
४. गौरी ।
५. एक नदी का नाम जो हिमालय पर्वत में है । विशेष—पुराणानुसार इसी के तट पर मेनका के गर्भ से शकुंतला का जन्म हुआ था ।
६. मंदाकिनी । गंगा ।
७. कलियारी । करियारी ।
८. दुगलभा । जवासा ।
९. एक वर्णिक वृत्त का नाम । विशेष—इसके प्रत्येक पद में १५ अक्षर होते हैं जिनमें पहले छह वर्ण, दसवाँ और तेरहवाँ अक्षर लघु और शेष गुरु होते हैं (न न भ य य) । जेसै,—'अतुलित बलधामं स्वर्णशैलाभदेहं' या 'दसरथ सुत द्वेषी रुद्र ब्रह्मा न भासै' । इसे कोई कोई मात्रिक भी मानते हैं ।
१०. मदिरा नाम की एक वृत्ति का नाम ।
११. महाभारत के अनुसार एक राक्षसी का नाम ।
१२. मार्कंडेय पुराण के अनुसार रौच्य मनु की माता का नाम ।
१३. विराट के महल में गुप्त वास करते समय द्रौपदी का नाम ।
१४. विभीषण की माता का नाम । उ॰—उनमें पुष्पोत्कटा से रावण, कुंभकर्ण; मालिनी से विभीषण तथा राका से खर और शूर्पणखा हुए ।—प्रा॰ भा॰ प॰, पृ॰ ८९ ।