मावा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मावा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मण्ड, हिं॰ माँड़]
१. माँड । पीच ।
२. सत्त । निष्कर्ष । मुहा॰—मावा निकालना=खूव पीटना । कचूमर निकालना ।
३. वह दूध जो गेहूँ आदि को भिगोकर वा कच्चा मलकर निचोड़ने से निकलता है ।
४. प्रकृति ।
५. खोया ।
६. अंडे के भीतर का पीला रस । जरदी ।
७. चंदन का इत्र जिसे आधार बनाकर फूलों और गंधद्रव्यों का इत्र उतारा जाता है । जमीन ।
८. वह गाढ़ा लसदार सुगंधित द्रव्य जिसे तमाकू में डालकर उसे सुगंधित करते हैं । खमीर ।
९. मसाला । सामान ।
१०. हीरे की बुकनी जिससे मलकर सोने चाँदी को चमकाते हैं या उनपर कुंदन या जिला करते हैं ।
मावा ‡ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मातृ] माता । माँ ।
मावा † संज्ञा पुं॰ [अ॰] रक्षास्थल । आश्रय स्थान । [को॰] ।