मिस्तरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मिस्तरी संज्ञा पुं॰ [अं॰ मास्टर(=उस्ताद)] वह जो हाथ का बहुत अच्छा कारीगर हो । चतुर शिल्पकार । विशेष— इस शब्द का प्रयोग बहुधा लोहारों, बढ़इयों, राजगीरों और कल पेंच आदि का काम करनेवालों के लिये ही होता है ।