मिस्सी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मिस्सी संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰ मिसी(=ताँबे का)]
१. एक प्रकार का प्रसिद्ध मंजन जो माजूफल, लोहचून और तूतिए आदि से तैयार किया जाता है और जिसे सधवा स्त्रियाँ दाँतों में लगाती हैं । इससे दाँत काले हो जाते और सुंदर जान पड़ते हैं । उ॰— पान भी खाया है मिस्सी भी जमाई हैगी ।— भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ७९० । क्रि॰ प्र॰—मलना ।—लगाना । मुहा॰—मिस्सी काजल करना=स्त्रियों का बनाव सिंगार करना । मिस्सी और काजल आदि लगाना । यौ॰—मिस्सीदान या मिस्सीदानी=मिस्सी रखने का पात्र या डिबिया ।
२. किसी वेश्या का पहले पहले किसी पुरुष से समागम होना, जिसके उपलक्ष में प्रायः कुछ गाना बजाना और जलसा भी होता है । सिर ढकाई (मुसलमान वेश्या) ।