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मुंडा

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मुंडा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मुण्ड] [स्त्री॰ मुंडी]

१. वह जिसके सिर के बाल न हों या मूँड़े हुए हों ।

२. वह जो सिर मुँड़ाकर किसी साधु या जोगी आदि का शिष्य हो गया हो ।

३. वह पशु जिसके सींग होने चाहिए, पर न हों । जैसे, मुँडा बैल, मुंडा बकरा ।

४. वह जिसके ऊपरी अथवा इधर उधर फैलनेवाले अंग न हों । जैसे, मुंडा पेड़ ।

५. एक प्रकार की लिपि जिसमें मात्राएँ आदि नहीं होती और जिसका व्यवहार प्रायः कोठीवाल करते हैं । कोठीवाली ।

६. एक प्रकार का जूता जिसमें नोक नहीं होती और जो प्रायः सिपाही लोग पहना करते हैं ।

मुंडा ^२ वि॰

१. मुंडित ।

२. गंजा । खल्वाट ।

३. श्रृंगहीन । बिना सींग का ।

४. जिसमें नोक न हो । बिना नोक का ।

मुंडा ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मुण्डा]

१. गोरखमुंडी ।

२. वह स्त्री जिसका सिर मुंडित हो ।

मुंडा ^४ संज्ञा [देश॰] छोटा नागपुर में रहनेवाली एकत असभ्य जंगली जाति ।

मुंडा ^५ संज्ञा पुं॰ मुंडा जाति की भाषा ।

मुंडा हिरन संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मुंडा+हिरन] पाठी मृग ।