मुंडी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मुंडी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मुँड़ना+ई (प्रत्य॰)]
१. वह स्त्री जिसका सिर मुंडा हो ।
२. विधवा । राँड़ । (गाली) ।
३. एक प्रकार की बिना नाकेवाली जूती ।
मुंडी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मुण्डी] गोरखमुंडी ।
मुंडी ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मुण्डिन]
१. वह जिसका मुंडन हुआ हो । मुँड़ा हुआ ।
२. नापित । हज्जाम ।
३. संन्यासी । मुंड़िया ।
४. शिव ।
मुंडी ^४ वि॰
१. जिसके सिर के बाल मूँड़ दिए गए हों ।
२. बिना सींग का । सींगरहित ।
मुंडी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मुँड़ना+ओ (प्रत्य॰)]
१. वह स्त्री जिसका सिर मूँड़ा गया हो ।
२. स्त्रीयों की एक प्रकार की गाली जिससे प्रायः विधवा का बोध होता है । राँड़ । उ॰—वा मुंडो का मूड़ मुँड़ाऊँ जो सरबर करै हमारी ।—कबीर श॰, भा॰ ३, पृ॰ २९ । मुहा॰—मुंडो का=(१) एक प्रकार की बाजारी गाली जिसका अर्थ हरामी या वर्णसंकर आदि होता है । (२) विधवा स्त्री के गर्भ से उसके वैधव्य काल में उत्पन्न पुरुष ।