मुकाम
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मुकाम संज्ञा पुं॰ [अ॰ मुकाम]
१. ठहरने का स्थान । टिकान । पड़ाव ।
२. ठहरने की क्रिया । कूच का उलटा । विराम । मुहा॰—मुकाम बोलना=अधिकारी का अपने अधीनस्थ कर्म- चारियों या सैनिकों को ठहरने की आज्ञा देना । मुकाम देना= किसी के मर जाने पर उसेक घर मातमपुरसी करने जाना ।
३. रहने का स्थान । घर ।
४. अवसर । मौका ।
५. सरोद का कोई परदा (संगीत) ।
५. सूफी साधना में साधक की अवस्थाएँ या टिकान या पड़ाव । भूमिका । साधक की अवस्थान- भूमि । उ॰— इस मार्ग में कई पड़ाव हैं जो मुकामात कहलाते हैं इनमें पहला मुकाम है 'तौबा' ।—जायसी ग्रं॰ (भू॰), पृ॰ १४३ । यौ॰—मुकामे मकसूद=लक्ष्य स्थान । उद्दिष्ट स्थान । उ॰— बस फिर मुकामें मकसूद ढूँढ़ लीजिएगा ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ १५२ ।