मुजरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुजरा संज्ञा पुं॰ [अं॰]

१. वह जो जारी किया गया हो ।

२. वह रकम जो किसी रकम में से काट ली गइ हो । जैसे, - १०) हमारे निकलते थे, वह हमने उसमें से मुजरा कर लिए । क्रि॰ प्र॰—करना ।—देना ।—पाना ।—लेना ।

३. किसी बड़े या धनवान आदि के सामने जाकर उसे सलाम करना । अभीवादन ।

४. वेश्या का वह गाना जो बैठकर हो और जिसमें उसका नाच न हो । क्रि॰ प्र॰—करना ।—सुनना ।—सुनाना ।—होना ।