मुदिता
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मुदिता संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. परकीया के अंतर्गत एक प्रकार की नायिका जो परपुरुष प्रीति संबंधी कामना की आकस्मिक प्राप्ति से प्रसन्न होती है । उ॰—परखि प्रेमवश परपुरुष हरषि रही मन मैन । तब लगि झुकि आई छटा अधिक अँधेरी रैन ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
२. हर्ष । आनंद ।
३. योगशास्त्र में समाधि योग्य संस्कार उत्पन्न करनेवाला एक परिकर्म जिसका अभीप्राय है—पुण्यात्माओं को देखकर हर्ष उत्पन्न करना । विशेष—ये परिकर्म चार कहे गए हैं—मैत्री, करूणा, मुदिता और उपेक्षा ।