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मुर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वेष्ठन । बेठन ।

२. एक दैत्य जिसे विष्णु ने मारा था और जिसे मारने के कराण उनका नाम 'मुरारि' पड़ा । उ॰—मधु कैटभ मधन, मुर भौम केशी भिदन, कंस कुल काल अनुसार हारी ।—सूर (शब्द॰) ।

मुर ^२ अव्य॰ फिर । दोबारा ।