मुरक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुरक संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मुरकना] मुरकने की क्रिया या भाव ।

मुरक पु † संज्ञा पुं॰ [अ॰ मुश्क] कस्तूरी । दे॰ 'मुश्क' । उ॰—है न जटा, ए वार विराजत नील न ग्रीव में मुस्क लगाए । सीस न चंद कला ए 'गुविंद' सु पुस्तप्रभा विलसे सुखदाए ।—पोद्दार अभि॰ ग्रं॰, पृ॰ ४३५ ।