मुरझाना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
मुरझाना क्रि॰ अ॰ [सं॰ मूर्च्छन]
१. फूल या पत्ती आदि का कु्म्हलाना । सूखने पर होना ।
२. सुस्त हो जाना । उदास होना । उ॰—(क) गिरि मुरझाइ दया आइ कछू भाय भरे ढरे प्रभु ओर मति आनँद सों भीनी है ।—प्रियादास (शब्द॰) । (ख) सखी कुरंगिके, यह हिम उपचार तो मुझ कमल की लता को और भी मुरझा देगा ।—हरिश्चंद्र (शब्द॰) । (ग) देव मुरझाइ उरमाल कह्यो दीजै सुरझाइ बात पूछी है छेम की ।—देव (शब्द॰) । संयो॰ क्रि॰—जाना ।