मुरदा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मुरदा ^१ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ मुरदहु मुर्दहु, मि॰ सं॰ मृतक]
१. वह जो मर गया हो । मरा हुआ प्राणी । मृतक ।
२. ताजिया ।
३. मजार । कब्र । उ॰—पाथर पूजन हिंदु भुलाना । मुरदा पूज भूले तूरकाना ।—कबीर सा॰, पृ॰ ८२० । मुहा॰—मुरदा उठना = मर जाना । (गाली) । जैसे,—उसका मुरदा उठे । मुरदा उठाना = मृतक को उठाकर जलाने या गाड़ने आदि के लिये ले जाना । अंत्येष्टि क्रिया के लिये ले जाना । मुरदे से शर्त बाँधकर सोना = बहुत अधिक सोना । मुरदे का माल = वह माल जिसका काई वारिस न हो । मुरदे की नींद सोना = बेखबर होकर सोना । खुराटे भरना ।
मुरदा ^२ वि॰
१. मरा हुआ । मृत्यु को प्राप्त । मृत ।
२. जो बहुत ही दूर्बल हो । जिसमें कुछ भी दम न हो ।
३. मुरझाया हुआ । कुम्हलाया हूआ । जैसे, मुरदा पान । यौ॰—मुरदाखोर = मुरदा खानेवाला । मुरदादिल = जिसका मन बहुत ही उचाट और नीरस हो । मुग्दासंग = दे॰ 'मुरदासंख' । मुरदासन । मुरदामिधी ।