मुशरिक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुशरिक संज्ञा पुं॰ [अ॰ मुशरिक़] ईश्वर को छोड़कर दूसरे की भक्ति करनेवाला । उ॰—गैर हक के सिजदा किसको कर न को । काफिर मुशरिक जो हो कर मर न को ।—दक्खिनी॰, पृ॰ १५३ ।