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मुशायरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुशायरा संज्ञा पुं॰ [अ॰ मुशाअरह्]

१. बहुत से कवियों, शायरों का एक जगह एकत्र होकर परस्पर अपनी कविता सुनाना । कविगोष्ठ ।

२. उपस्थित जनसमूह के सामने कवियों द्बारा अपनी कविता सुनाना । कविसंमेलन ।