मुष्टिक
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
मुष्टिक संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. राजा कंस के पहलवाना में से एक जिसे बलदेव जी ने मारा था । उ॰—तह नृप सुत मल्ल हें शल तोशल चानूर । मुष्टिक कूट सु पाँच ये समर सूर भरपूर ।—गोपाल (शब्द॰) ।
२. मुक्का । घूँसा । उ॰—एक बार हनि मुष्टिक मारा । गिरा अवनि करि घार चिकारा ।—विश्राम (शब्द॰) ।
३. चार अँगुल की नाप । उ॰—षट तिल यव त्रै अंगुल होइ । चतुरागुल कर मुष्टिक सोई ।—विश्राम (शब्द॰) ।
४. मुट्ठी ।
५. सुनार ।
६. तांत्रिक के अनुसार एक उपकरण जो बलिदान के योग्य होता है । यौ॰—मुष्टिकव्न = (१) विष्णु का एक नाम । (२) बलराम । मृष्टिकस्वस्तिक = नृत्य के समय हाथी की एक विशेष मुद्रा ।