मुह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मुह संज्ञा पुं॰ [सं॰ मुख] दे॰ 'मुँह' । उ॰—(क) पहिल नेवाला खाई जाय मुह भीतर जबही । खण चूप भै रहइ गारी गाडू दे तबही ।—कीर्ति॰, पृ॰ ४२ । (ख) मुह में खाँड़ पेट में विष ऐसे इस पुरुवंशी के फंद में फँसकर अब मै निर्लज्ज कहलाई सो ठीक है ।—शकुंतला, पृ॰ ९५ ।