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मुहन्मद

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मुहन्मद संज्ञा पुं॰ [अ॰] अरब के एक प्रसिद्ध धर्माचार्य जिन्होंने इस्लाम या मुसलमानी धर्म का प्रवर्तन किया था । विशेष—इनका जन्म मक्के में सन् ५७० ई॰ के लगभग और मृत्यु मदीने में सन् ६३२ ई॰ में हुई थी । इनके पिता का नाम अब्दुल्ला और माता का नाम अमीना था । इन्होंने अपने जीवन के आरंभिक काल में ही यहूदियों और ईसाइयों की बहुत सी धार्मिक बातों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था । उसी समय से ये स्वतंत्र रूप से अपना एक धर्म चलाने की चिंता में थे और उसी उद्देश्य से लोगों को कुछ उपदेश भी देने लगे थे । प्रायः ४० वर्ष की अवस्था में इन्होंने यह प्रसिद्ध किया था कि ईश्वर ने मुझे इस संसार में अपना पैगंबर (दूत) बनाकर धर्मप्रचार करने के लिये भेजा है । इसके उपरांत इन्होंने कुरान की रचना की, और उसके संबंध में यह प्रसिद्ध किया कि इसकी सब बातें खुदा अपने फरिश्त जिब्राईल के द्वारा समय समय पर मुझसे कहलाता रहा है । धीरे धीरे कुछ लोग इनके अनुयायी हो गए । पर बहुत से लोग इनके विरोधी भी थे, जिनसे समय समय पर इन्हें युद्ध करना पड़ता था । यह भी प्रसिद्ध है कि ये एक बार सदेह स्वर्ग गए थे और वहाँ ईश्वर से मिले थे । अरबवालों ने कई वार इनके प्राण लेने की चेष्टा की थी, पर ये किसी न किसी प्रकार बराबर बचते ही गए । ये मूर्तिपूजा के कट्टर बिरोधी और एकेश्वरवाद के प्रचारक थे । अपने आपको ये पैगंबर या ईश्वरीय दूत बतलाते थे । इन्होंने कई विवाह भी किए थे । ये जैसे उदार और कृपालु थे वैसे ही कट्टर और निर्दय भी थे ।