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मूँड़

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मूँड़ † संज्ञा पुं॰ [सं॰ मुण्ड] सिर । कपाल । उ॰—(क) तुलसी की बाजी राखी राम ही के नाम, नत भेंट पितरन को न मूँड़ हू में बारु है ।—तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰—मूँड़ चढ़ना = ढिठाई करना । सिर चढ़ना । मूँड़ चढ़ाना = ढीठ करना । निडर कर देना । सिर चढ़ाना । मूँड़ मारना = बहुत हैरान होना । बहुत कोशिश करना । उ॰—मूँड़ मारि हिय हारि कै हित हंहरि अब चरन सरन तकि आयो ।—तुलसी (शब्द॰) । मूँड़ मुड़ाना = (१) संन्यासी होना । (२) बाना बदलना । अन्य रूप स्वीकारना । नारि मुई गृह संपति नासी मूँड़ मुड़ाइ होहिं संन्यासी ।—मानस, ७ ।१०० । विशेष दे॰ 'सिर' ।