मूझना पु † क्रि॰ अ॰ [सं॰ मुह्य, प्रा॰ मुझझ] मुग्ध होना । मुरझाना । मोह से युक्त होना । व्यग्र होना । उ॰—लाज ते सखि कौं नाहिन वूझै । चिंता करि मनही मन मूझै ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ १५३ ।