मूल निवासी

विक्षनरी से

चित् भारत के प्राचीन निवासी जब भारतीय है हम भारतवासी है फिर मूलनिवासी शब्द कहां से आया ???? बहुत पुरानी बात है l अंग्रेजों के समय मे जब अंग्रेज भारत में आए उसके बाद उन्होंने यहां पर अपने लिए संडास रूम Latrine बनवाए , कूड़ेदान बनवाए, गटर से लैट्रिन को जोड़ा और अपने लिए सुविधाएं ले कर के आए l लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह थी कि इन सब जगहों को साफ करने के लिए कोई भी भारतवासी तैयार नहीं था l क्योंकि भारतवासियों को इसकी जरूरत ही नहीं थी वे लोग अमीर थे भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। भारतवासी खेत में शौच जाते थे तथा अपने घर पर जो भी कूड़ा होता था उसे गड्ढे में जला देते थे जिसे घूरा कहां जाता था l और आज भी कई गांव में आपको ये दिख जाएगा l भारत के गांव में भी ,आज भी आदिवासियों के पूरे गांव में एक भी कूड़ादान नहीं और आज भी कई लोग खेत में ही शौच जाते हैं अंग्रेजो ने भारत में आकर यहां पर अपनी सुविधा के लिए कूड़ा घर और शौचालयों का निर्माण कराया परंतु सबसे बड़ी समस्या यह थी कि इन की सफाई करने के लिए कोई भी भारतवासी तैयार ही नहीं था ,तो इसलिए अंग्रेजों ने अफ्रीकी नीग्रो लोगों को अफ्रीका से भारत में लेकर के आए गुलामी करवाने के लिए , लैट्रिन साफ करवाने के लिए ,कूड़ेदान साफ करवाने के लिए क्योंकि यह अफ्रीकी मूल के निवासी लोग मल मूत्र साफ करते थे , इसलिए भारतीय इन्हें मल निवासी या मूत्र निवासी अथवा मलमूत्रनिवासी भी कहते थे। कालांतर में यह शब्द मलनिवासी, मूत्र निवासी से बदल कर मूलनिवासी अंग्रेजों ने कर दिया ताकि भारतीय लोगों को भ्रमित करके आपस में लड़ा सके कि ये ही अफ्रीका के काले लोग ही भारत के मूल निवासी हैं। और इन मूलनिवासियो को अनार्य कहा गया। चंद पैसों की लालच में वामपंथी नेताओं ने झूठ का खूब प्रचार प्रसार किया कि अफ्रीकी नीग्रो अनार्य ही देश के मूल निवासी हैं पूरी द्रविड़ Politics इसी पर टिकी हुई है l आज भी वहां पर उत्तर भारतीयों को आर्य विदेशी और दक्षिण भारतीय को अनार्य मूल निवासी कहते हैं बाद में फूट और फैलाने के लिए अंग्रेजों और वामपंथियों ने सिर्फ दक्षिण भारतीय ही नहीं अपितु पूरे देश के जितने भी काले लोग थे सबको मूलनिवासी कहकर संबोधन किया।

आर्य अनार्य कोई जाति नहीं है ये गुण सूचक शब्द है। फिर भी वर्तमान में वामपंथियों द्वारा झूठी आर्य अनार्य कि कहानी प्रचारित कर वर्ग संघर्ष उत्पन्न किया जा रहा है। भारतीय समाज को तोडने कोशिश की जा रही है।

भारतवासी है मूलनिवासी नहीं है। भारतवासी बाहर से आए निवासी नहीं है । भारत में सदा से बसने वाले वासी हैं। भारतवासी है।