मृगशिरा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मृगशिरा संज्ञा पुं॰ [सं॰ मृगशिरस्] सत्ताइस नक्षत्रों में से पाँचवाँ नक्षत्र । विशेष—इसके अधिपति चंद्रमा है और यह आड़ा या तिर्यङ्मुख नक्षत्र है । यह तीन तारों से मिलकर बना हुआ और बिल्ली के पैर के आकार का है । आकाश में यह नक्षत्र कन्या लग्न के बाईस पल बीतने पर उदित होता है । मृगशिरा नक्षत्र के पूर्वीर्ध में (अर्थात् ३० दंड के बीच) वृष राशि और अपरार्ध में मिथुन राशइ होती है । इस नक्षत्र में उत्पन्न मनुष्य मृगचक्षु, अति बलवान्, सुंदर कपालवाला, कामुक, साहसी, स्थिरप्रकृति, मित्र पुत्र से युक्त और थोड़ा धनवान् होता है ।