मेखला
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
मेखला संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. वह वस्तु जो किसी दुसरी वस्तु के मध्य भाग में उसे चारो ओर से घेरे हुए पड़ी हो । २ सिकड़ी या माला के आकार का एक गहना जो कमर को घेरकर पहना जाता है । करघनी । तागड़ी । किंकिणी । पर्या॰—सप्तकी । कांची । रशना । रसना । कक्षा । कलाप ।
३. कमर में लपेटकर पहनने का सुत या डोरी । करधनी । जैसे, मुंजमेखला ।
४. कोई मंडलाकार वस्तु । गील घेरा । मंडल । मँडरा ।
५. पेटी या कमरबंद जिसमें तलवार बाँधी जाती है ।
६. तलवार की मुठ (को॰) ।
७. डंडे मूसल आदि के छोर पर या औजारों के मुठ पर लगा हुआ लोहे आदि के घेरदार बंद । सामी । साम ।
८. पर्वत का मध्यभाग ।
९. नर्मदा नदी ।
१०. पृश्निपर्णी ।
११. होमकुंड के ऊपर चारों ओर बना हुआ मिट्टी का घेरा ।
१२. यज्ञवेष्टन सुत्र ।
१३. कपड़े का टुकड़ा जो साधु लोग गले में डाले रहते हैं । कफनी । अलफी ।
१४. घोड़े का तंग । जीन कसने का तस्मा (को॰) ।