मेघा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मेघा † संज्ञा पुं॰ [सं॰ मेघ (= बादल के आने पर जो दिखाई दे)] मेढक । मंडूक ।
मेघा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. अंतःकरण की वह शक्ति जिससे जानी, देखी, सुनी या पढ़ी हुई बातें मन में बराबर बनी रहती हैं, भूलती नहीं । बात को स्मरण रखने की मानसिक शक्ति । धारणावाली बुद्धि ।
२. दक्ष प्रजापति की एक कन्या ।
३. षोडश मातृकाओं में से एक, जिसका पूजन तांदीमुख श्राद्ध में होता है ।
४. छप्पय छंद का एक भेद ।
५. शक्ति । ताकत । बल (को॰) ।
६. सरस्वती का एक रूप (को॰) । यौ॰—मेघाकर = बुद्धि बढ़ानेवाला । मेघाजित् । मेघारुद्र ।