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मेष

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मेष संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. भेड़ ।

२. बारह राशियों में से एक जिसके अंतर्गत अश्विनी, भरणी और कृत्तिका नक्षत्र का प्रथम पाद पड़ता है । विशेष—इस राशी पर सूर्य वैशाख में रहते हैं । राशियों की गणना में इसका नाम सबसे पहले पड़ता है । इसकी आकृति मेष के समान मानी गई है । यह राशि सूर्य का उच्च स्थान है । इसमें जबतक सूर्य रहते हैं, तबतक बहुत प्रबल रहते हैं । उच्चांश काल वैशाख में प्रथम दस दिन तक रहता है । इसके उपरांत सूर्य उच्चांशच्युत होने लगते हैं ।

३. एक लग्न जो सूर्य के मेष राशी में रहने पर माना जाता है । जैसे,—यदि किसी का जन्म सूर्य के मेष राशि में रहने पर होगा, तो कहा जाएगा कि उसका जन्म मेष लग्न में हूआ । मुहा॰—मेष काना पु = मीन मेष करना । आगा पीछा करना । संकल्प विकल्प करना । उ॰—कियो अक्रूर भोजन दुहुन संग लै, नर नारी ब्रज लोग सबै देखै । मनी आए संग, देखि ऐसे रंग, मनहि मन परस्पर करत मेषै ।—सूर (शब्द॰) ।

४. एक औषधि ।

५. जीवशाक । सुसना ।