मैगल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मैगल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मदकल] मत्त हाथी । मस्त हाथी । उ॰— (क) माधव जू मन सब ही । बीध पोच । अति उनमत्त निरंकुश मैगल चिंतारहित असोच ।—सूर (शब्द॰) । (ख) ऐंड़ति अड़ति पैंड़ मध्य मत्त मैगल सी, खाय करि द्वै वल सी लचति लचाक लंक ।—भुवनेश (शब्द॰) । (ग) भक्ति द्वार है साँकरा राई दसवें भाय । मन तो मैगल ह्वै रह्यौ कैसे होय समाय ।—कबीर (शब्द॰) ।
मैगल ^२ वि॰ मत्त । मस्त । ( हाथी के लिये) ।