मैनाक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मैनाक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पुराणानुसार एक पर्वत का नाम जो हिमालय का पुत्र माना जाता है । कहते हैं, इंद्र से डरकर यह पर्वत समुद्र में जा छिपा था; इस कारण यह अब तक सपक्ष है । लंका जाते समय समुद्र की आज्ञा से इसने हनुमान जी को आश्रय देना चाहा था । उ॰—सिंधु बचन सुनि कान तुरत उठयो मैनाक तब ।—तुलसी (शब्द॰) । पर्या॰—हिरण्यनाभ । सुनाभ । हिमवत् सुत ।

२. हिमालय की एक ऊँची चोटी का नाम ।

३. एक दानव ।