मोचना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मोचना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ मोचन]
१. छोड़ना ।
२. गिराना । बहाना । उ॰— (क) सोच मति करै मति मोच आसू बिभीषण, कहै रघुनाथ मातमष भोषि नीर चिह्न रघुनायक सीय पै ह्वै ।— तुलसी (शब्द॰) ।
३. छुड़ाना । मुक्त करना । उ॰— अब तिनके बंधन मोचहिंगे ।— सूर (शब्द॰) ।
मोचना ^२ संज्ञा पुं॰॰ [सं॰ मोवन] [स्त्री॰ मोवन]
१. लोहारों का वह औजार जिससे वे लाहे के छाटे छाटे टुकड़ा उठते हैं ।
२. हजामों का वह औजरा जिससे वे वाल उखाड़ते हैं ।