मोदक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मोदक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. लड्डु । (मिठाई) ।
२. औषध आदि का बना हुआ लड्डु । जैसे,—मदनानंद मोदक ।
३. गुड़ ।
४. एक वर्णवृत जिसके प्रत्येक चरण में चार भगण होते हैं । जैसे,—(क) भा चहुँ पार जु भौ निधि रावन । तो गहु राम पदै नित पावन । आय घरै प्रभु लै चरनोदक । भुख लगे न भाखै मन मोदक ।—छंदप्रभाकर (शब्द॰) । (ख) काहु कहुँ शर आसर मारिय । आरत शब्द अकाश पुकारिय । रावण के वह कान परयौ जब । छोड़ि स्वयंवर जात भयो तब ।—केशव (शब्द॰) ।
५. एक वर्णसंकर जाति जिसकी उत्पत्ति क्षत्रिय पिता और शुद्रा माता से मानी जाती है ।
मोदक ^२ [वि॰ स्त्री॰ मोदका, मोदकी] मोद या आनंद देनेवाला । आनंददायक ।