मोना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मोना पु † ^१ क्रि॰ स॰ [हिं॰ मोयन] भिगोना । तर करना । उ॰— (क) कह्यौ राम तँह भरत सों काके बालक दोइ । मोर चरित गावत मधुर सुर संयुत रस माइ ।—विश्राम (शब्द॰) । (ख) नेह मोइ रस रेसमहिं गाँठ दई हित जोर । चाहत हैं गुरुजन तिन्है अनख नखन सों छीर ।—रसनिधि (शब्द॰) । (ग) तुलसी मुदित मातु सुत गति लकि बिथकी है ग्वालि मैन मन मोए ।—तुलसी (शब्द॰) ।
मोना † ^२ संज्ञा पुं॰ [सं मोण] बाँस, मुँज आदि का ढक्कनदार डला । झावा । पिटारा ।