यक्षकर्दम

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

यक्षकर्दम संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्रकार का अंगलेप जो कपूर, अगरु, कस्तूरी और कंकोल मिलाकर बनाया जाता है । कहते हैं, यक्षों को यह अंगलेप बहुत प्रिय है । उ॰— आजु आदित्य जल पवन पावन प्रबल चंद्र आनंदमय ताप जग को हरौ । गान किन्नर करहु, नृत्य गंधर्वकुल, यज्ञ विधि लक्ष उर यक्षकर्दम घरौ ।— केशव (शब्द॰) ।