यज्ञवराह संज्ञा पुं॰ [सं॰] विष्णु । विशेष— कहते हैं, विष्णु ने वराह का रूप धारणा करने के उपरांत जब आपना शरीर छोड़ा, तब भिन्न भिन्न अंगों से यज्ञ की सामग्री बन गई । इसी से उनका यह नाम पड़ा ।