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यतिभंग

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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यतिभंग संज्ञा पुं॰ [सं॰ यतिभङ्ग] काव्य का वह दोष जिसमें यति अपने उचित स्थान पर न पड़कर कुछ आगे या पीछे पड़ती है और जिसके कारण पढ़ने में छंद की लय बिगड़ जाती है ।