यमक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

यमक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक प्रकार का शब्दासंकार या अनुप्रास जिसमें एक ही शब्द कई बार आता है; पर हर बार उसके अर्थ भिन्न भिन्न होते हैं । उ॰— कनक कनक तें सौगुनो मादकता अधिकाइ । यहाँ एक कनक का अर्थ सोना और दूसरे का धूतरा है ।

२. एक वृत्त का नाम, जिसके प्रत्येक चरण में एक नगण और दो लघु मात्राएँ होती हैं ।

३. सेना का एक प्रकार का व्यूह या जमाव ।

४. वे दो बालक जो एक साथ ही उत्पन्न हुए हो । यमज । जोड़ ।

५. संयम ।